
सोनिया गांधी, (जन्म 9 दिसंबर, 1946, लुसियाना, वेनेटो क्षेत्र, इटली), इतालवी मूल की भारतीय राजनीतिज्ञ, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष थीं (कांग्रेस पार्टी; 1998–2017, 2019–) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष ( 2004– ), केंद्र-वाम दलों का गठबंधन
सोनिया गांधी: बचपन, परिवार और शिक्षा
एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो का जन्म 9 दिसंबर, 1946 को इटली के विसेंज़ा के पास एक छोटे से गाँव में स्टेफ़ानो और पाओला माइनो के घर हुआ था। उनका पालन-पोषण एक पारंपरिक रोमन कैथोलिक ईसाई परिवार में हुआ था| सोनिया ने 13 साल की उम्र में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फ्लाइट अटेंडेंट बनने की ख्वाहिश रखती थीं। 1964 में, स्थानीय कैथोलिक स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, वह अंग्रेजी सीखने के लिए कैम्ब्रिज में बेल एजुकेशनल ट्रस्ट के भाषा स्कूल गईं।
इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में अंग्रेजी की पढ़ाई के दौरान, सोनिया ने
राजीव गांधी से मुलाकात की, जो कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे और भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बेटे थे। 1968, सोनिया और राजीव ने एक हिंदू समारोह में शादी की और भारत आ गए।
वह अपनी सास और भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के साथ रहने लगी।हालांकि राजीव ने एक वाणिज्यिक एयरलाइन पायलट के रूप में करियर के लिए राजनीति छोड़ दी। हालाँकि, 1980 में उनके भाई, संजय की मृत्यु हो गई और राजीव ने बाद में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया।
1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, तब राजीव को प्रधानमंत्री बनाया गया था। हालांकि सोनिया ने राजीव के लिए प्रचार किया, लेकिन उन्होंने पृष्ठभूमि में रहना चुना, कला बहाली का अध्ययन किया और भारत के कलात्मक खजाने को संरक्षित करने के लिए काम किया।
सोनिया गाँधी जीवन परिचय
सोनिया गाँधी के जीवन परिचय को निम्न सूची के आधार पर दर्शाया गया है-
क्र.म. | जीवन परिचय बिंदु | जीवन परिचय |
1. | पूरा नाम | अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो |
2. | जन्म | 9 दिसम्बर, 1946 |
3. | जन्म – स्थान | लूसिआना, वेनेटो, इटली |
4. | राष्ट्रीयता | भारतीय |
5. | धर्म | रोमन कैथौलिक |
6. | भारत की राजनीती से पहले पेशा | राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता |
7. | पिता | स्तेफेनो मैनो |
8. | पति | श्री राजीव गाँधी |
9. | बच्चे | राहुल गाँधी (बेटा) प्रियंका गाँधी (बेटी) |
10. | राजनीतीक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी |
11. | रिश्ते | नेहरु – गाँधी परिवार |
12. | वर्तमान रहवास | 10 जनपथ, नई दिल्ली |
13. | मातृ संस्था (Alma mater) | बेल एजुकेशन ट्रस्ट |
14. | महत्वपूर्ण आयोजित पद | मार्च सन 1998 के बाद – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष, कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) |
सोनिया गाँधी का जन्म और उनका परिवार
सोनिया गाँधी का पूरा नाम अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है. इनका जन्म 9 दिसम्बर सन 1946 को इटली के लूसिआना शहर के कॉनट्रडा मैनी जिला/क्वाटर के वेनेटो में विसेन्ज़ा से 30 किमी दूर एक छोटे से गाँव में हुआ, जहाँ वे अपने परिवार के साथ रहती थीं. उनके परिवार का नाम “मैनो” है, उनका परिवार वहाँ कई पीढ़ियों से रह रहा है. इन्होंने अपनी युवास्था ओर्बस्सानो में व्यतीत की, इसके बाद टूरिन के पास एक शहर है, जहाँ एक पारंपरिक रोमन कैथोलिक परिवार में ये पली बढ़ी और वहीं के एक कैथौलिक स्कूल का वे हिस्सा बनी.
सोनिया गाँधी का राजनीतिज्ञ कैरियर –
सोनिया गाँधी की भारतीय सार्वजानिक जीवन के साथ भागीदारी की शुरुआत उनकी सास की हत्या और उनके पति के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद हुई. प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में सोनिया ने सरकारी परिचारिका के रूप में काम किया और कई राज्यों के दौरे में वे अपने पति के साथ गईं.
सन 1984 में उन्होंने अपने पति की भाभी मेनका गाँधी के खिलाफ अभियान चलाया, जोकि अमेठी में राजीव के साथ चल रहा था. राजीव गाँधी के 5 साल के कार्यकाल के अंत में वे बोफोर्स कांड से बाहर हो गए. सोनिया गाँधी की इटली के एक व्यापारी जिन पर बोफोर्स कांड में एक बिचौलिया होने का आरोप लगाया गया, के साथ कथित दोस्ती होने के कारण वे विवादों में आ चुकी थीं.
अप्रैल सन 1983 में भाजपा ने सोनिया पर यह आरोप लगाया, कि नई दिल्ली की मतदाता सूची पर, पूर्व भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सोनिया ने भारतीय कानून का उल्लंघन किया है.. ईटालियन कानून ने सन 1992 तक दोहरी राष्ट्रीयता की अनुमति नही दी. सन 1983 में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से उन्होंने स्वाचालित रूप से ईटालियन नागरिकता खो दी.
सन 1991 में राजीव गाँधी की हत्या कर दी गई, और उसके बाद सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने के लिए इंकार कर दिया, कुछ सालों के बाद हालांकि कांग्रेस पार्टी सन 1996 में चुनाव हार गई. कुछ सीनियर अध्यक्ष जैसे माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, जी.के. मूपनर, पी. चिदंबरम और जयंती नटराजन, इसके आलावा और भी कई वरिष्ठ नेताओं ने निवर्तमान राष्ट्रपति सीताराम केसरी के खिलाफ खुला विद्रोह किया, और इनमें से कुछ ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस कई भागों में बंट गया.
कांग्रेस पार्टी को वापस से जोड़ने के लिए, सोनिया जी सन 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं और सन 1998 में पार्टी की नेता बन गईं.
सोनिया गाँधी की उपलब्धियां
सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की –
- 62 दिनों के अन्दर प्राथमिक सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद, सोनिया को पार्टी के प्रेसिडेंट पद के लिए खड़ा होने को कहा गया, जोकि उन्होंने स्वीकार कर लिया.
- उसके बाद वे सन 1999 में ही बेल्लारी, कर्णाटक और अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ीं. वे दोनों सीटें जीती, किन्तु उन्होंने अमेठी को चुना. बेल्लारी में, इन्होंने भाजपा नेता सुषमा स्वराज को हराया था.
- विपक्ष के नेता के रूप में अपनी क्षमता से उन्होंने सन 2003 में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया. सोनिया गाँधी ने कांग्रेस पार्टी की लम्बे समय तक सेवा कर अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड बनाया.
- सन 2004 के आम चुनाव में, भाजपा के “भारत उदय (इंडिया शाइनिंग)” के नारे का मुकाबला करने के लिए सोनिया गाँधी ने “आम आदमी” के नारे के साथ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया.
- उन्होंने 15 – पार्टी गठबंधन सरकार का गठन किया और उसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) नाम दिया.
- सोनिया गाँधी को अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद थी, किन्तु उन्हें उनके विदेशी मूल के होने के कारण राजग से कट्टर विरोध का सामना करना पड़ा. फिर उन्होंने भारत के अगले प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह को नियुक्त किया.
- सोनिया ने लोकसभा से और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) के अध्यक्ष के रूप में 23 मार्च सन 2006 को अपने इस्तीफे की घोषणा की, और कुछ विवादों से भी घिरी रहीं.
- इसके बाद सोनिया सन 2006 में ही रायबरेली से एक बहुत बड़े वोटों के मार्जिन के साथ पुनः निर्वाचित हुईं. इसी दौरान अपने संप्रग सरकार के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कार्यकाल के रूप में, सोनिया ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना अधिकार अधिनियम के क़ानून को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सोनिया गाँधी की विवादास्पद स्थिति
सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में कई विवादास्पद स्थितियों का सामना किया.
- बोफोर्स कांड के दौरान एक विदेशी व्यापारी के साथ उनकी दोस्ती थी, जिसके कारण वे विवादों से घिरी रहीं.
- सन 1980 में सोनिया ईटालियन नागरिक होने के बावजूद भी उनका नाम दिल्ली की मतदाता सूची में दिखाई दिया, जोकि भारतीय कानून के खिलाफ हैं.
- यही मुद्दा सन 1983 में फिर से सामने आया, जब इनका नाम मतदाता सूची में दिखाई दिया, क्यूकि जनवरी सन 1983 में पंजीकरण के लिए समय सीमा तय की गई थी और अप्रैल सन 1983 में सोनिया को भारतीय नागरिकता प्राप्त हुई.
- सोनिया पर कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेता शरद पवार, तारिक अनवर और पी.ए. संगमा ने, मई सन 1999 में प्रधानमंत्री के पद के लिए उनकी क्षमता पर सवाल उठाया. इसके बाद सोनिया ने पार्टी के अध्यक्ष के अधिकार से उन तीनों नेताओं से इस्तीफा देने को कहा. पार्टी के लोगों ने उनका समर्थन कर उन तीनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
सोनिया गाँधी का सम्मान और मान्यता
सोनिया गाँधी को उनके जीवन में कई सम्मान और मान्यता प्राप्त हुई जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं-
- सन 2004 में, सोनिया गाँधी का नाम दुनिया की सबसे ताकतवर महिला के रूप में फोर्ब्स पत्रिका में उल्लेख किया गया.
- सन 2006 में, सोनिया गाँधी ने “ब्रसेल्स विश्वविद्यालय” से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
- सन 2006 में, सोनिया को बेल्जियम की सरकार द्वारा ‘सम्राट लियोपोल्ड’ के साथ सम्मानित किया गया.
- सन 2007 में, सोनिया का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की 6वीं ताकतवर महिला के रूप में आया.
- सन 2007 और 2008 के समय में सोनिया दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों में से एक थीं.
- सन 2008 में, सोनिया को “मद्रास विश्वविद्यालय” से साहित्य में डॉक्टरेट की मान्यता प्राप्त हुई.
- सन 2009 में, सोनिया का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की 9 ताकतवर महिलाओं में से एक था.
- सन 2010 में, ब्रिटिश पत्रिका के एक स्टेटमेंट में, दुनिया के 50 सबसे प्रतिभाशाली लोगों के बीच सोनिया के स्थान का उल्लेख किया गया.
- सन 2012 में, फोर्ब्स पत्रिका में सोनिया का नाम दुनिया की 12वीं ताकतवर महिला के रूप में आया.
- सन 2013 में, सोनिया गाँधी को कुल मिलाकर 21वा और फोर्ब्स ताकतवर सूची में तीसरी सबसे ताकतवर महिला का स्थान दिया गया.
सोनिया गाँधी की पुस्तकों की विशेषता
सोनिया गाँधी पर कुछ महान लेखकों द्वारा पुस्तकें भी लिखी गई. सोनिया गाँधी को भी लिखने का बहुत शौक है उन्होंने अपने जीवन में कुछ पुस्तकें भी लिखीं.
- रानी सिंह नामक लेखिका ने सोनिया गाँधी के जीवन के बारे में बताते हुए ‘सोनिया गाँधी : एन एक्स्ट्राआर्डिनरी लाइफ एन इंडियन डेस्टिनी’ नामक पुस्तक लिखी.
- नुरुल इस्लाम सरकार द्वारा ‘सोनिया गाँधी : ट्रिस्ट विथ इंडिया’ नामक पुस्तक लिखी गई.
- रशीद किदवई द्वारा ‘सोनिया गाँधी : बायोग्राफी’ नामक पुस्तक लिखी गई.
- सोनिया गाँधी ने “टू अलोन, टू टुगेदर” नामक पुस्तक लिखी. इसके अलावा इन्होंने कुछ और पुस्तकें भी लिखीं.
इस तरह सोनिया गाँधी ने अपने जीवन में बहुत से उतार – चढ़ाव का सामने किया और एक सफल महिला के रूप में अपने आप को व्यक्त किया.
सोनिया गाँधी के बारे में ताजा अपडेट
सोनिया गाँधी दिसंबर 2017 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से हट गईं. और अपने स्थान पर राहुल गाँधी को इस पदभार को संभालने के लिए उनका राजतिलक किया. लेकिन उन्होंने संसदीय समिति का नेतृत्व करना जारी रखा. हालाँकि उन्होंने आजतक भारत सरकार के किसी भी सार्वजनिक पद को नहीं संभाला.
सन 2010 में यूपीए सरकार द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के 12 हेलीकॉप्टर खरीदने की डील की गई थी, जिसे रिश्वत लेनदेन के मामले के चलते सन 2014 में खत्म कर दिया गया था. इस डील में प्रमुख बिचौलिये क्रिस्टियन मिशेल को पिछले साल यानि सन 2017 में मनी लॉन्डरिंग के केस में गिरफ्तार कर लिया गया था,
इसके अलावा हालही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आधारित फिल्म “द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर” का ट्रेलर लांच किया गया है जिसके चलते यह विवादों में घिरी हुई है. इस फिल्म के ट्रेलर में सोनिया गाँधी एवं कांग्रेस पार्टी के चलचित्र को भी दर्शाया गया है.