किरण बेदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबंधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वह वर्तमान में पुडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल हैं. 2007 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से सेवानिवृत्त होने के बाद किरण बेदी ने राजनीति में कदम रखा. वह 1972 में IPS के अधिकारी रैंक में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला थीं.
आईपीएस में अपने कार्यकाल के दौरान, किरण बेदी ने महानिदेशक के पद पर कार्य किया था. पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो बेदी को एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है.
1994 में मैग्सेसे पुरस्कार के विजेता, किरण बेदी अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले नागरिक समाज के सक्रिय सदस्यों में से एक हैं, जिन्होंने एक मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी कानून, जन लोकपाल विधेयक के अधिनियमित करने के लिए एक आंदोलन शुरू किया. वह औपचारिक रूप से 15 जनवरी, 2015 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं और उन्हें 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया.
बिंदु | जानकारी |
नाम (Name) | किरण बेदी |
मूल नाम (Born Name) | किरण पेशवारिया |
जन्म (Date of Birth) | 9 जून 1949 |
जन्म स्थान (Birth Place) | अमृतसर |
पद (Profession) | पूर्व आईपीएस अफसर राज्यपाल (पुदुच्चेरी) समाजसेवी |
पिता का नाम (Father Name) | प्रकाश पेशवारिया |
माता का नाम (Mother Name) | प्रेम पेशवारिया |
पति का नाम (Husband Name) | बृज बेदी (वि. 1972-2016; मृत्यु तक) |
बेटी का नाम (Daughter Name) | साइना बेदी (जन्म नाम सुकृति) |
शिक्षा (Education) | बी.ए (Hons) इंग्लिश, 1968 एम. ए (पोलिटिकल साइंस), 1988 पीएचडी, 1993 |
राजनीतिक पार्टी (Political Party) | भारतीय जनता पार्टी |
किरण बेदी का प्रारंभिक जीवन
किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 को अमृतसर, पंजाब में प्रकाश लाल पेशावरिया और प्रेम लता पेशावरिया के यहाँ हुआ था. उन्होंने 1968 में अमृतसर के गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वीमेन से अंग्रेजी में अपनी बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) प्राप्त की. उन्होंने 1970 में राजनीति विज्ञान में अपना स्नातक पूरा किया और अपनी कक्षा में टॉपर रहीं. 1972 में किरण बेदी ने बृज बेदी से शादी की और उनके साथ एक बेटी है.
उन्होंने 1998 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से कानून की डिग्री हासिल की, जबकि पुलिस महानिदेशक के रूप में सेवा की. इसके बाद उन्होंने 1993 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में सामाजिक विज्ञान विभाग से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
किरण बेदी का प्रोफेशनल करियर
किरण बेदी ने अपने करियर की शुरुआत एक पुलिस अफसर के रूप में नहीं की, बल्कि 1970 में अमृतसर के खालसा कॉलेज फॉर वूमेन में राजनीति विज्ञान की व्याख्याता के रूप में की. अपने शिक्षण करियर के दो साल बाद, उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास की और IPS अधिकारी बन गईं. इसने उन्हें सेवाओं में शामिल होने वाली भारत की पहली महिला बना दिया
भारतीय पुलिस सेवा में अपने करियर के दौरान, उन्होंने नई दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के प्रमुख, मिजोरम में पुलिस के डीआईजी, चंडीगढ़ के उपराज्यपाल के सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के लिए नागरिक पुलिस सलाहकार के रूप में कार्य किया. उन्हें उनके काम के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया था.
किरण बेदी ने दिल्ली के तिहाड़ जेल के प्रबंधन में कई सुधार किए, जब वह 1993-1995 के दौरान जेल के महानिरीक्षक थे. इस मिशन के तहत उनके द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों में कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखे गए.
मई 2005 में उसे “जेल सुधारों और पुलिसिंग के लिए मानवीय दृष्टिकोण” की पावती में डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. दो साल बाद, किरण बेदी ने स्वेच्छा से पुलिस सेवाओं से सेवानिवृत्त होने का फैसला किया और भारत सरकार ने उन्हें अनुमति दी. 25 दिसंबर, 2007 को, वह सामाजिक मुद्दों के लिए खुद को समर्पित करने के लिए सेवानिवृत्त हुई.
किरण बेदी द्वारा किया गया सोशल वर्क एक्टिविटीज
1987 में किरण बेदी ने नवज्योति इंडिया फाउंडेशन (NIF) नाम से एक NGO लॉन्च किया. यह एनजीओ नशा मुक्ति और नशामुक्ति के उद्देश्य को लेकर अशिक्षा और महिला सशक्तीकरण जैसे अन्य सामाजिक मुद्दों तक फैल गया है. उन्होंने 1994 में इंडिया विजन फाउंडेशन भी शुरू किया जो पुलिस सुधारों, जेल सुधारों, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण और सामुदायिक विकास के लिए काम कर रहा है. वह टीवी कार्यक्रम ‘आप की कचहरी’ की होस्ट भी थीं, जिसका उद्देश्य नागरिकों के पारिवारिक विवादों को सुलझाना था.
अगस्त 2011 में, किरण बेदी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में शामिल हुईं. वह अरविंद केजरीवाल के साथ आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थी लेकिन बाद में जब अरविन्द केजरीवाल ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया तो वह उनसे अलग हो गई.
राजनीतिक सफ़र
2014 के आम चुनावों से पहले, बेदी ने अपनी पसंद नरेंद्र मोदी के पीछे पसंदीदा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में रखी. 15 जनवरी 2015 को, भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में किरण बेदी को पार्टी में शामिल किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के एक दिन बाद बेदी पार्टी में शामिल हुईं.
किरण बेदी की शिक्षा –
किरण बेदी ने अपनी शुरुआती पढा़ई अमृतसर के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से की। वहीं स्कूल के दौरान ही किरण बेदी ने नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC) ज्वॉइन कर लिया था।
साल 1968 में किरण बेदी ने अमृतसर के गर्वनेंट कॉलेज फॉर वुमन से इंग्लिश में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। साल 1970 में किरण बेदी ने पंजाब यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की और इस दौरान वे टॉपर रहीं।
1988 में बेदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की। 1993 में किरण बेदी ने आईआईटी दिल्ली से सोशल साइंस में PHD की और ड्रग, एब्यूज एवं डोमेस्टिक वायलेंस पर थीसिस लिखी थी।
किरण बेदी की शादी एवं बच्चे –
किरण बेदी ने 9 मार्च, 1972 में टेनिस प्लेयर बृज बेदी के साथ शादी कर ली थी। किरण बेदी की अपने लाइफ पार्टनर से मुलाकात टेनिस कोर्ट पर ही हुई थी।
उस दौरान दोनों की टेनिस प्रैक्टिस करने के दौरान दोस्ती हुई और फिर इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद 1975 में उन्हें सायना नाम की बेटी हुई। हालांकि, साल 2016 में कैंसर की वजह से उनकी पति की मृत्यु हो गई।
एक टेनिस प्लेयर के रुप में किरण बेदी –
9 साल की उम्र से ही किरण बेदी ने अपने पिता से प्रेरित होकर टेनिस खेलना शुरु कर दिया था। साल 1964 से किरण बेदी ने टेनिस प्लेयर के रुप मे अपने करियर की शुरुआत की थी।
1966 में किरण बेदी जूनियर नेशनल लॉन टेनिस चैम्पियनशिप जीता था। साल 1968 में किरण बेदी ने ऑल इंडिया इंटरवेर्सिटी टेनिस टाइटल का खिताब जीता।
साल 1975 में किरण बेदी ने अखिल भारतीय अंतरराष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत प्राप्त की। साल 1976 में किरण बेदी ने नेशनल विमेंस लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत दर्ज की।
इसके अलावा किरण बेदी साल 1973 में श्रीलंका के खिलाफ भी भारत का प्रतिनिधित्व कर लियोनेल फोंसेका मेमोरियल ट्रॉफी जीत चुकी हैं।
किरण बेदी का सिविल सर्विसेज में करियर –
- एक प्रोफेसर के तौर पर अपनी करियर की शुरुआत करने वाली किरण बेदी ने 1972 में इंडियन पुलिस सर्विसेज (IPS) में देश की पहली महिला आईपीएस बनकर इतिहास रचा।
- IPS में सेलेक्शन के बाद किरण बेदी ने कई महीनों तक राजस्थान के माउंट आबू में ट्रेनिंग ली थी।
- अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम- संघ शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर में वो 80 पुरुषों के बीच इकलौती महिला थीं। यह एक गौरवमयी क्षण था।
- साल 1975 में किरण बेदी की पहली पोस्टिंग नई दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में उप-मंडल पुलिस अधिकारी के तौर पर हुई और इस साल स्वतंत्रता दिवस की परेड में उन्होंने पुरुषों का प्रतिनिधित्व किया था।
- साल 1979 में किरण बेदी को पश्चिमी दिल्ली में डीसीपी के रुप में पोस्टिंग मिली। यहां पर क्राइम कंट्रोलिंग के लिए पर्याप्त ऑफिसर नहीं होने पर उन्होंने ग्रामीणों को स्वंयसेवी बना दिया था और पुलिस पेट्रोलिंग के साथ उनकी मदद्द के लिए काफी पुलिस फोर्स भी तैनात की थी।
- साल 1981 में किरण बेदी ने दिल्ली में ट्रैफिक डीसीपी का पद संभाला। इस दौरान उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कई काम किए एवं अवैध पार्किंग के खिलाफ कानून बनाए। वहीं क्रेन की शुरुआत करने का क्रेडिट भी किरण बेदी को ही जाता है। इसी वजह से लोग उन्हें उस दौरान ”क्रेन बेदी” भी कहते थे।
- साल 1983 में किरण बेदी का ट्रांसफर गोवा में ट्रैफिक एसपी के रुप में कर दिया गया था। उन्होंने अपने इस ट्रांसफर के पीछे देश की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, आर. के.धवन समेत कुछ उच्च अधिकारियों को बताया था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरण बेदी
दिल्लीवासियों के बीच किरण बेदी की लोकप्रियता और दिल्ली के ‘सुपर कॉप’ के रूप में उनके पिछले रिकॉर्ड को भुनाने के लिए, भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया. उन्हें कृष्णा नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था.
दिल्ली में मतदान 7 फरवरी को हुआ था और तीन दिन बाद परिणाम घोषित किए गए थे. इस चुनाव के नतीजे त्रिशंकु थे. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. परन्तु आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई
किरण बेदी के पुरस्कार (Kiran Bedi Awards)
- 1979 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार
- 1981 में वूमन ऑफ द ईयर अवार्ड नेशनल सॉलिडैरिटी वीकली, इंडिया द्वारा दिया गया
- 1991 में ड्रग प्रिवेंशन एंड कंट्रोल फॉर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ गुड टेम्पलर (IOGT), नॉर्वे द्वारा एशिया रीजन अवार्ड
- 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला पुरस्कार
- 1994 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा मैगसेसे पुरस्कार
- 1995 में डॉन बोस्को श्राइन ऑफिस, बॉम्बे-इंडिया द्वारा महिला शिरोमणि अवार्ड, फादर माकिस्मो ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड और लायन ऑफ द ईयर
- 1999 में प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन (AFMI) ने दिया
- 2002 में वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड, ब्लू ड्रॉप ग्रुप मैनेजमेंट, कल्चरल एंड आर्टिस्टिक एसोसिएशन, इटली द्वारा
- 2004 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र पदक
- 2005 में हार्मनी फाउंडेशन द्वारा सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा पुरस्कार
- सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा सूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार 2007 में
- 2009 में आजतक द्वारा महिला एक्सेलेंस अवार्ड्स
- तरुण क्रांति पुरस्कार – 2010 में
- 2011-तरुण पुरस्कार परिषद द्वारा महिला सशक्तिकरण श्रेणी में
- 2011 में भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान द्वारा भारतीय मानव विकास पुरस्कार
- 2013 में राय विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस की मानद उपाधि
किरण बेदी के पुरस्कार
- 1979 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार
- 1981 में वूमन ऑफ द ईयर अवार्ड नेशनल सॉलिडैरिटी वीकली, इंडिया द्वारा दिया गया
- 1991 में ड्रग प्रिवेंशन एंड कंट्रोल फॉर इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ गुड टेम्पलर (IOGT), नॉर्वे द्वारा एशिया रीजन अवार्ड
- 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला पुरस्कार
- 1994 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा मैगसेसे पुरस्कार
- 1995 में डॉन बोस्को श्राइन ऑफिस, बॉम्बे-इंडिया द्वारा महिला शिरोमणि अवार्ड, फादर माकिस्मो ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड और लायन ऑफ द ईयर
- 1999 में प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन (AFMI) ने दिया
- 2002 में वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड, ब्लू ड्रॉप ग्रुप मैनेजमेंट, कल्चरल एंड आर्टिस्टिक एसोसिएशन, इटली द्वारा
- 2004 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र पदक
- 2005 में हार्मनी फाउंडेशन द्वारा सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा पुरस्कार
- सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा सूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार 2007 में
- 2009 में आजतक द्वारा महिला एक्सेलेंस अवार्ड्स
- तरुण क्रांति पुरस्कार – 2010 में
- 2011-तरुण पुरस्कार परिषद द्वारा महिला सशक्तिकरण श्रेणी में
- 2011 में भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान द्वारा भारतीय मानव विकास पुरस्कार
- 2013 में राय विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस की मानद उपाधि
किरण बेदी और पुलिस सेवा
(Kiran Bedi) ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चुने जाने के बाद नौकरी करते हुए भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और सन 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से क़ानून में स्नातक की उपाधि हासिल की. किरण बेदी ने राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, नई दिल्ली से 1993 में सामाजिक विज्ञान में ‘नशाखोरी तथा घरेलू हिंसा’ विषय पर शोध पर पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की.
किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस के कई अहम पदों पर कार्य किया है. किरण डीआईजी चंडीगढ़, गवर्नर की सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डीआईजी तथा यूनाइटेड नेशन्स में एक असाइनमेंट पर भी कार्य कर चुकी हैं. जाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ट्रेनिंग, स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस इंटेलिजेन्स जैसे कई अहम पदों पर भी वे रह चुकी हैं. इंस्पेक्टर जनरल ऑफ प्रिज़न, तिहाड़ के तौर पर उनके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से ही आज तिहाड़ जेल में इतना सुधार है.
किरण बेदी और अन्ना हजारे
(Kiran Bedi) दिल्ली पुलिस में ना होकर भी सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हाल ही उन्होंने समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी. इस बीच वह विवादों में भी घिरीं. किरण बेदी पर आरोप लगे कि वह इकोनॉमी क्लास में सफर कर बिजनेस क्लास का किराया वसूल करती थीं. अन्ना की टीम की अहम सदस्या किरण बेदी आजकल विभिन्न मुद्दे पर समय-समय पर मीडिया और जनता से रूबरू होती हैं जहां वह अपने विचार रखती हैं.