
ऐसी महिला जोकि न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी सबसे अधिक पहचाने जाने वाली भारतीय महिलाओं में से एक हैं. जिनका करियर 6 दशकों से अधिक रहा हैं जिन्होंने विभिन्न भाषाओँ में हजारों गाने, गजलें, भजन, पॉप, शास्त्रीय और कुछ लोक गीत गाये हैं. ऐसी महिला कोई और नहीं बल्कि हमारी फिल्म जगत की मशहूर प्लेबैक सिंगर ‘श्रीमति आशा भोसले’ जी हैं. इन्होने अपने गानों से करोड़ों दिलों में राज किया हैं और उपलब्धि अपने नाम की हैं.
आशा भोसले का जन्म एवं परिचय
जीवन परिचय बिंदु | जीवन परिचय |
पूरा नाम | आशा भोसले |
अन्य नाम | द क्वीन ऑफ़ इंडीपॉप |
पेशा | भारतीय प्ले बैक सिंगर, गायिका |
गुरु | दीनानाथ मंगेशकर (पिता) |
जन्म | 8 सितंबर, 1933 |
उम्र | 85 साल |
जन्म स्थान | संगली, संगली स्टेट, महाराष्ट्र, ब्रिटिश भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | संगली, महाराष्ट्र |
धर्म | हिन्दू |
जातीयता | माराठी |
वैवाहिक स्थिति | विधवा |
कार | ऑडी ए 8, ऑडी क्यू 7 |
नेटवर्थ | 10 मिलियन (सन 2016 में) |
राशि | कन्या |
आशा भोसले का शुरूआती जीवन
आशा भोसले जी का जन्म महाराष्ट्र के एक संगली शहर के गोहर के एक छोटे से घर में हुआ था. इन्होने एक संगीतमय परिवार में जन्म लिया था, जिनके पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी भाषी गोमंतक मराठा समाज से संबंध रखते थे, और वे मराठी म्यूजिकल स्टेज में एक अभिनेता एवं क्लासिकल संगीतकार थे.
जब आशा केवल 9 साल की थी, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई. इसके बाद उनका परिवार पुणे के कोल्हापुर में और उसके बाद फिर मुंबई में रहने आशा जी एवं उनकी सभी बहनों को संगीत की शिक्षा उनके पिता ने दी थी, जोकि खुद एक बहुत बड़े संगीतकार थे. अपनी इसी शिक्षा के साथ उन्होंने अपने शुरूआती जीवन से बाहर निकलकर खुद का अधिकारिक तौर पर करियर बनाने का सोचा.
आशा भोसले का संगीत में करियर
- आशा भोसले जी ने वर्ष 1948 में आपने गायन करियर का शुभारंभ किया, और वह इसकी शुरुआत उन्होंने फिल्म ‘चुनरिया’ के साथ की. इसमें उनके द्वारा गाये गये गीत के बोल ‘सावन आया’ था. इस गाने के बाद से आशा की आवाज को एक अलग चंचल आवाज के लिए नोटिस किया गया.
- इसके बाद आशा जी ने अपनी मधुर और सुरीली आवाज का जादू चलाया और जल्द ही उनका करियर जीत के साथ आगे बढ़ने लगा. जिसमें कुछ फिल्म जैसे सन 1953 में फिल्म ‘परिणीता’, सन 1954 में फिल्म ‘बूट पॉलिश’, सी.आई.डी सन 1956 में और सन 1958 फिल्म ‘नया दौर’ आदि के लिए गाए कुछ गीत शामिल हैं.
- आशा जी ने अपने कुछ गीतों जैसे ‘मांग के साथ तुम्हारा’ और ‘उड़ जब जब जुल्फें तेरी’ के माध्यम से संगीत इंडस्ट्री में अच्छी पहचान बनानी शुरू कर दी थी. इसके बाद तो आशा जी ने एक के बाद एक सुपरहिट गाने जैसे ‘दीवाना हुआ बादल’, ‘आओ हुजूर तुमको’, ‘ये दिल मेहरबान’ गाकर लोगों को अचंभित कर दिया.
- फिर सन 1974 में आशा जी ने फिल्म ‘प्राण जाये पर वचन न जाये’ के लिए ‘चैन से’ गाना गाकर रिकॉर्ड बनाया था. इन गीतों की शानदार सफलता के बाद उन्हें एस.डी. बर्मन जैसे अन्य संगीत निर्देशकों द्वारा नोटिस किया गया.
- आशा जी ने और एस.डी. बर्मन ने फिल्म ‘काला पानी’, ‘काला बाजार’, ‘इंसान जाग उठा’, ‘लाजवंती’, ‘सुजाता’ और ‘3 देवियाँ’ जैसी फिल्मों के लिए कई हिट साउंडट्रैक बनाये. इन गीतों में सबसे प्रसिद्ध थे मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के साथ आशा जी के द्वारा गाये हुए डुएट गीत.
- सन 1960 के मध्य में आशा ने आर.डी. बर्मन के साथ सहयोग किया और अपने करियर के चरम पर पहुँच गई. फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ जोकि सन 1966 में आई थी, में उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई. और आशा जी एवं आर.डी. बर्मन द्वारा गाये गए डुएट गीतों ने इनकी जोड़ी भी बना दी.
- आशा जी का अब करियर चरम सीमा पर पहुँच गया था, इसके बाद वे उस समय की सबसे सुंदर डांसर में से एक ‘हेलेन’ की आवाज बनी.
- आशा जी के हेलेन के लिए गाने वाली कुछ हिट्स की सूची में सन 1966 में आई फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ का ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ गाना, सन 1971 में आइ फिल्म ‘कारवां’ का ‘पिया तू अब तो आजा’ गाना, सन 1978 में फिल्म ‘डॉन’ का ‘ये मेरा दिल’ गाना और सन 1972 की फिल्म ‘जवानी दीवानी’ का लोकप्रिय गाना ‘जा जाने जा’ आदि शामिल हैं. इनमें उन्होंने लो पिच से लेकर हाई पिच तक सभी तरह से गाने गाये.
- फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का गाना ‘दम मारो दम’ भी उनकी प्रतिभा का नया पक्ष था. इसके अलावा भी आशा जी ने काफी सारे हिट गाने देकर लोगों को अपनी आवाज के जादू में मंदमुग्ध कर दिया.
- आशा जी ने अपने देश भक्ति से लेकर गजलें एवं रोमांटिक तक सभी तरह के गानों से आलोचकों को गलत साबित कर दिया. उन्होंने यह साबित किया कि वे अन्य शैलियों में भी गाना गा सकती हैं.
- एक बार महान संगीतकार खय्याम ने उन्हें सामान्य से 2 नॉट कम गाने के लिए कहा. तो उन्होंने उस पर भी ध्यान देते हुए अपनी गायन शैली को और मजबूत किया और नतीजा यह निकला कि उनके गाये गाने आज तक बहुत शान और सम्मान के साथ गाए जाते हैं.
- 1990 के दशक में आशा जी ने पेप्पी नंबर्स गाने के साथ प्रयोग किया. और उन्होंने ए.आर. रहमान, अनु मालिक और संदीप चौटा जैसे उनसे छोटे म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ ‘तन्हा तन्हा’, ‘यारे’, ‘कमबक्त इश्क’ और ‘चोरी पे चोरी’ जैसे हिट गाने गाए. हालांकि समय के साथ वास्तव में उनकी आवाज में उतना दम नहीं रहा था, जैसा कि 30 साल पहले के उनके द्वारा गाये गये गानों में था.
- उनके करियर में एक समय ऐसा आया जब उन्हें मेनस्ट्रीम बॉलीवुड में एक प्लेबैक सिंगर के रूप में अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के खिलाफ खड़ा कर दिया. और आशा जी अपनी खुद की पूरी तरह से एक अलग पहचान बनाने में लग गई और उन्होंने बना भी ली थी.
- शास्त्रीय, पश्चिमी – प्रभाव, पॉप, कैबरे, गजल जैसी शैलियों के माध्यम से वह गीतों से अधिक बहुमुखी प्रदर्शनों के साथ उभर कर सामने आई. उन्होंने अपनी बहन लता मंगेशकर की परछाई पर हावी होने से इनकार कर दिया और संगीत के साथ प्रयोग करना जारी रखा.
इस तरह से आशा जी ने अपने करियर के इस मुकाम तक पहुँचने के लिए बहुत संघर्ष किया, और दर्शकों को एक ही समय में आनंदमय और आनंदित करने वाले गाने दिए.
आशा भोसले एलबम्स एवं कांसर्ट्स
- सन 1970 एवं 80 के दशक के प्रमुख गीतकार में गुलजार जी और आर डी बर्मन का नाम भी शामिल हैं. आशा जी ने सन 1987 में एक डबल एल्बम ‘दिल पड़ोसी है’ बनाने के लिए इन गीतकारों के साथ सहयोग किया.
- इसके बाद सन 1977 में उन्होंने संगीतकार लेस्ली लेविस के साथ मिलकर एक इंडीपॉप एल्बम ‘जानम समझा करो’ रिलीज़ किया. इस एल्बम ने बहुत लोकप्रियता के साथ – साथ पुरस्कार भी हासिल किये.
- साल 2000 में आशा जी ने ‘राहुल और आई’ एल्बम का विमोचन किया जो आर.डी. बर्मन की रचनाओं का एक संग्रह था.
- सन 2002 में उन्होंने एक निजी एल्बम ‘आपकी आशा’ के लिए ट्यून तैयार की, जिसके बोल प्रसिद्ध मजरूह सुल्तानपूरी द्वारा लिखे गये थे.
- आशा भोसले जी ने न सिर्फ अपने संगीत को देश में बल्कि विदेशों में संगीतकारों के साथ प्रदर्शन करने के लिए पूरी दुनिया की यात्रा की. उन्होंने ‘बो डाउन मिस्टर’ के लिए बॉय जॉर्ज जैसे प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ भी गाया. यूएसए में 20 दिनों में 13 शहरों में प्रदर्शन किया. उन्होंने स्टॉकहोम, दुबई, लन्दन, कनाडा और अन्य देशों में संगीत कार्यक्रम भी किये.
- सन 2006 में आशा जी ने क्रिकेटर ब्रेट ली के साथ एक गीत गाया था. जिसके बोल थे ‘यू आर द वन फॉर मी’. उनके इस गीत ने कई अंतर्राष्ट्रीय संगीतकारों को प्रेरित किया.
- सन 2014 में उन्होंने अपने पति राहुल देव बर्मन की 75 वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘पंचम तुमी कोठय’ अल्बम बनाया हैं. इस एल्बम में उन्होंने 8 गाने गए हैं, जिन्हें पहले बर्मन ने बनाया था.
- आशा जी ने 81 साल की उम्र में सन 2014 की एक फिल्म ‘परापार’ में भी एक गाना गाया था.
आशा भोसले का बंगाली करियर
आशा भोसले जी ने अपना पहला बंगाली भाषा में गाना सन 1958 में एचएमवी के बैनर तले गाया था. इस गीत को उन्होंने बिनोद चट्टोपाध्याय के साथ मिलकर गाया था जिसे मन्ना डे द्वारा लिखा गया था. इन्होने बंगाली में पूजा गीत काफी सारे गाये हैं, जैसे ‘गुंजो डोले जी भरमार’, ‘चोखे नाम ब्रिस्टी’ और ‘गुनगुन गूंजे’ आदि हैं. सन 1970 के दशक के मध्य में, आशा जी अक्सर सुधीर दासगुप्ता, नचिकेता घोष आरटीसी द्वारा लिखे बंगाली गीतों के लिए गाती थीं.
आशा भोसले का मराठी करियर
सन 1943 में आशा जी ने अपना पहला फ़िल्मी गीत ‘छला छैला नव बाला’ मराठी फिल्म ‘मजा बाल’ के लिए गाया था, जिससे उनके मराठी फिल्म इंडस्ट्री में करियर की शुरुआत हो गई. किन्तु यह तो केवल शुरुआत थी, जिससे उन्हें ज्यादा ख्याति प्राप्त नहीं हुई. फिर आशा ने मराठी में एक पौराणिक फिल्म ‘गोकुल्चा राजा’ से अपने प्लेबैक गायन का प्रारंभ किया.
आशा भोसले का व्यक्तिगत जीवन
आशा जी ने मात्र 16 साल की उम्र में अपने परिवार की इच्छओं के खिलाफ जाकर 31 वर्ष के गणपत राव भोसले के साथ विवाह कर लिया था. ये आशा जी की बहन लता मंगेशकर के निजी सचिव थे. हालांकि यह शादी बुरी तरह से विफल रही थी, और आशा जी एवं गणपत राव दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. उस दौरान आशा जी और उनके 2 बच्चे हेमन्त और वर्षा भी थे, और तीसरे बच्चे से वे गर्भवती भी थी.
आशा भोसले के कुछ प्रसिद्ध गाने
गाने | फिल्म | साल |
इन आँखों की मस्ती | उमराव जाना | सन 1981 |
चुरा लिया है तुमने जो दिल को | यादों की बारात | सन 1973 |
दम मारो दम | हरे राम हरे कृष्ण | सन 1971 |
दो लफ्जों की है | द ग्रेट गैम्बलर | सन 1979 |
जब छाए मेरा जादू | लूटमार | सन 1980 |
पिया तू अब तो आजा | कारवां | सन 1971 |
आइये मेहरबान | हावड़ा ब्रिज | सन 1958 |
ये मेरा दिल | डॉन | सन 1978 |
तन्हा तन्हा यहाँ पे | रंगीला | सन 1995 |
पर्दे में रहने दो | शिकार | सन 1968 |
दीवाना हुआ बादल | कश्मीर की कली | सन 1964 |
आजा आजा | तीसरी मंजिल | सन 1966 |
राधा कैसे न जले | लगान | सन 2001 |
आशा भोसले को मिले अवार्ड्स एवं उपलब्धियां
- आशा जी ने मराठी फिल्म ‘मानिनी’ के लिए सन 1962 में महाराष्ट्र सरकार का सर्वश्रेष्ठ गायक का पुरस्कार जीता था.
- आशा जी के द्वारा गाये हुए कुछ बॉलीवुड गाने जैसे ‘गरीबों की सुनो’, ‘पर्दे मैं रहने दो’, ‘पिता तू अब तो आजा’, ‘दम मारो दम’, ‘होने लगी हैं रात’, ‘चैन से हमको कभी’, ‘ये मेरा दिल’ आदि के लिए उन्हें सबसे पंसदीदा फीमेल प्लेबैक सिंगर के रूप में फिल्मफेयर अवार्ड प्राप्त हो चुका हैं.
- फिल्म ‘रंगीला’ के सन 1996 में आशा जी को एक स्पेशल अवार्ड से भी नवाजा गया था.
- सन 2000 में आशा जी को दुबई में ‘सिंगर ऑफ़ द मिलेनियम’ आवर्ड से सम्मान दिया गया था.
- साल 2001 में आशा जी फिल्मफेयर की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त करने वाली महिला बनी.
- इसके अलावा ‘दिल चीज़ क्या हैं’ और ‘मेरा कुछ सामान’ जैसे गानों के लिए आशा जी ने बतौर सबसे पसंदीदा प्लेबैक सिंगर के लिए राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड जीता था.
आशा भोसले के बारे में कुछ रोचक जानकारी
- हेलेन गाने की भावना को समझने के लिए रिकॉर्डिंग के दौरान आशाजी से मिलने जाती थी, और उसके अनुसार अपनी कोरियोग्राफी करती थी.
- आशा जी ने अमरावती विश्वविध्यालय, जलगाँव विश्वविध्यालय और जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविध्यालय से मानद उपाधि प्राप्त की थी.
- आशा जी एवं उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर जी बचपन से ही एक दूसरे की काफी करीब रहीं हैं. लता हर समय आशा को लेकर चलती थी. वे उन्हें कभी भी अकेले नहीं छोड़ती थी, वे स्कूल भी जाती थी तो आशा को अपने साथ लेकर जाती थी.
- आशा जी की बेटी वर्षा ने सन 2012 के अक्टूबर की 8 तारीख को आत्महत्या करने की कोशिश की थी. वह 56 साल की थी, और तनाव से लड़ रही थी.
- अब तक आशा जी द्वारा गाये हुए गानों की गिनती 12,000 से ऊपर तक पहुँच चुकी हैं.
आशा जी की गायन शैली की जितनी तारीफें करो कम हैं, क्योंकि ऐसी कलाकार की कला का कोई भी मोल नहीं होता हैं. वे अपने समय की ऐसी गायिकाओं में से एक थी, जिनके गाने ने लाखों, करोड़ों लोगों को उनका फैन बना दिया हैं. उनके गाने लोगों को इतने अधिक पसंद हैं कि आज भी उनकी जुबां पर वे गाने होते हैं. हालांकि आज भले ही उनके गानों का रीमिक्स नया रूपांतरण किया जा रहा हैं, लेकिन जो बात आशा जी की आवाज में थी वह बात आज के इन रीमिक्स गानों में कभी नहीं देखी जा सकती हैं.