
कमला दास (कमला सुरैया) एक अँग्रेजी और मलयालम भाषा की भारतीय लेखिका थीं। वे मलयालम भाषा में माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं। वे एक ऐसी भारतीय लेखक थी जिन्होंने खुलकर लिखा और महिला यौन इच्छा और एक भारतीय महिला होने के अनुभव के बारे में स्पष्ट रूप से लिखा।उन्हें उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ से अत्यधिक प्रसिद्धि मिली।कमला दास ,कमला सुरय्या के रूप में भी जानी जाती है, तो आइए कमला दास के जीवन के बारे में जानते हैं।
नाम | कमला सुरय्या |
उपनाम | कमला दास |
जन्म | 31 मार्च, 1934 |
जन्म स्थान | केरल |
मृत्यु | 31 मई, 2009 |
व्यवसाय | लेखक |
भाषा | इंग्लिश, मलयालम |
प्रसिद्धि के कारण | आत्मकथा ‘ माय स्टोरी ‘ |
कमला दास का जन्म व परिवार
कमला दास का जन्म 31 मार्च, 1934, त्रिशूर , मालाबार तट ( अब केरल में) में हुआ था, कमला दास का जन्म एक उच्च प्रतिष्ठा वाले परिवार में हुआ था। कमला दास के पिता का नाम वीएम नायर था वे एक ऑटोमोबाइल कंपनी के कार्यकारी और एक पत्रकार थे और उनकी माँ का नाम नलपत बलमणि अम्मा था वे एक प्रसिद्ध कवि थीं।अब केरल में और कलकत्ता (अब कोलकाता ) में पली-बढ़ी, जहाँ उसके पिता काम करते थे। कमला दास को बचपन से ही पढ़ने और लिखने का बहुत शौक था वह बहुत कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। सन 1999 में उन्होंने कमला सुरैया का नाम बदलकर विवादास्पद रूप से इस्लाम धर्म अपना लिया। उन्हें 1985 में साहित्य के लिए एशियाई विश्व पुरस्कार सहित कई साहित्यिक पुरस्कार मिले।
कमला दास का वैवाहिक जीवन
कमला दास की उम्र मात्र 15 वर्ष की थी , तभी उनका विवाह माधव दास के साथ कर दिया गया था, जो अपने से कई साल वरिष्ठ बैंकिंग कार्यकारी अधिकारी थे,कुछ सालो बाद वे बॉम्बे (अब मुंबई ) चले गए थे । उस दौरान कान्हा दास को अकेले ही रहना पड़ता था फिर कुछ समय बाद में वापस आ गए, दास के तीन बेटे थे माधव दास नालापत, चिन्नेन दास और जयसूर्या दास। अपने वैवाहिक जीवन में उन्हें दिन में समय ना मिलने के कारण वे रात में लेखन कार्य किया करती थी।
कमला दास की आत्मकथा

1 फरवरी 1977 को कमला दास की आत्मकथा माई स्टोरी (मेरी कहानी) प्रकाशित हुई थी। यह किताब बहुत विवादास्पद रही और इस किताब का पंद्रह विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया गया। अपनी आत्मकथा, माई स्टोरी में कमला दास लिखती हैं, एक बार गवर्नर की पत्नी मैविस कैसी हमारे स्कूल आईं।मैंने इस मौके पर एक कविता लिखी लेकिन हमारी प्रिंसिपल ने वो कविता एक अंग्रेज़ लड़की शर्ली से पढ़वाई। इसके बाद गवर्नर की पत्नी ने शर्ली को अपनी गोद में बैठा कर कहा कि तुम कितना अच्छा लिखती हो! मैं दरवाज़े के पीछे खड़ी वो सब सुन रही थी।इतना ही नहीं गवर्नर की पत्नी ने शर्ली के दोनों गालों पर चुंबन लिए और उनकी देखादेखी हमारी प्रिंसिपल ने भी मेरी आखों के सामने उसको चूमा।पिछले साल मैंने लंदन के रॉयल फ़ेस्टिवल हॉल में अपनी कविताओं का पाठ किया।आठ बजे से ग्यारह बजे तक मैं मंच पर थी।जब मैं स्टेज से नीचे उतरी तो कई अंग्रेज़ों ने आगे बढ़ कर मेरे गालों को चूम लिय।मेरे मन में आया कि शर्ली, मैंने तुमसे अपना बदला ले लिया।कविता की दुनिया में दास के योगदान को देखते हुए देश ने उन्हें ‘मदर ऑफ मॉडर्न इंडियन इंग्लिश पॉयट्री’ से नवाजा गया। उनकी रचनाएं आज भी महिलाओं के लिए आदर्श साबित हो रही हैं।
कमला दास को मिले पुरस्का व सम्मान
- वर्ष 1984 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित
- वर्ष 1964 में अवार्ड ऑफ एशियन पेन एंथोलोजी
- वर्ष 1969 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार
- वर्ष 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार
- वर्ष1998 एशियन पोएट्री पुरस्कार
- वर्ष 1999 में केन्ट पुरस्कार
- वर्ष 2000 में एशियन वर्ल्डस पुरस्कार
- वर्ष 2001 में वयलॉर पुरस्कार
- वर्ष 2006 में डी. लिट की मानद उपाधि कालीकट विश्वविद्यालय द्वारा
- वर्ष 2006 में मुट्टाथु वरक़े अवार्ड
- वर्ष 2009 में एज्हुथाचन पुरस्कार
कमला दास की कृतियाँ
- दि साइरंस 1964
- समर इन कलकत्ता 1965
- दि डेस्केंडेंट्स 1967
- दि ओल्ड प्लेहाउस एंड अदर पोएम्स 1973
- कॉलेकटेड पोएम्स वाल्यूम एक 1984
- दि अनमलाई पोएम्स 1985
- ओनली दि सोल नोज हाऊ टू सिंग 1996
- या अल्लाह 2001
- तैर रही थी वो
- उन्माद एक ऐसा देश है
- प्यार
- वर्षा
- आईना
- कीड़े
- प्रेम
- बारिश
कमला दास द्वारा लिखे गए कविता संग्रह
- अंग्रेज़ी
- उपन्यास
- 1976: वासना की वर्णमाला
- आत्मकथा
- 1976: माई स्टोरी
- छोटी कहानियाँ
- 1977: बाल वेश्या के लिए एक गुड़िया
- 1992: पद्मावती द वेर्लॉट एंड अदर स्टोरीज
- शायरी
- 1964: सायरन
- 1965: कलकत्ता में गर्मी
- 1967: वंशज
- 1973: द ओल्ड प्लेहाउस एंड अदर पोएम्स
- 1977: द स्ट्रेंजर टाइम
- 1979: टुनाइट, दिस सैवेज रीट (प्रीतिश नंदी के साथ)
- 1984: एकत्रित कविताएँ
- 1985: अनामलाई कविता
- 1997: ओनली द सोल नोज़ हाउ टू सिंग
- 1999: छियासठ पर मेरी माँ
- 2001: या अल्लाह
- बालवाड़ी में सजा
- मलयालम
- 1964: पक्षियुदे मनम (लघु कथाएँ)
- 1966: नारीचेरुकल परक्कुमबोल (लघु कथाएँ)
- 1968: थानुप्पु (लघु कहानी)
- 1973: एंटे कथा (आत्मकथा)
- 1987: बाल्यकला स्मरणकाल (बचपन की यादें)
- 1989: वर्शंगलक्कु मुंबु (उपन्यास)
- 1990: पलायन (उपन्यास)
- 1991: नेपयासम (लघु कहानी)
- 1992: दयारिक्कुरिपुकल (उपन्यास)
- 1994: नीरमथलम पूथा कलाम (उपन्यास)
- 1996: कदल मयूरम (लघु उपन्यास)
- 1996: रोहिणी (लघु उपन्यास)
- 1996: रथरियुडे पदविन्यसम (लघु उपन्यास)
- 1996: अट्टुकत्तिल (लघु उपन्यास)
- 1996: चेकेरुन्ना पक्षिकल (लघु कथाएँ)
- 1998: नष्टपेट्टा नीलांबरी (लघु कथाएँ)
- 2005: चंदना मरंगल (उपन्यास)
- 2005: माधविकुट्टिय्यूडे उन्मक्कधकल (लघु कथाएँ)
- 2005: वंडीक्कलकल (उपन्यास)
- 2009 : ओट्टायादि पथायुम विशादम पुक्कुन्ना मारंगलुम