क्या आपके पीरियड्स मिस हुए हैं? यदि इसका उत्तर हाँ है तो यह आपकी प्रेगनेंसी का एक शुरूआती लक्षण हो सकता है। वैसे तो इन दिनों प्रेगनेंसी की जाँच के लिए मार्किट में बहुत सारे प्राथमिक टेस्ट उपलब्ध हैं, किन्तु कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनको देखकर आप खुद ही पता लगा सकती हैं की आप गर्भवती हैं या नहीं।
वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को अलग-अलग तरह के लक्षण होते हैं ,किन्तु कुछ लक्षण सभी महिलाओं में समान होते हैं जो प्रेगनेंसी के प्रारम्भिक लक्षणों के रूप में जाने जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार अक्सर मिस्ड पीरियड को प्रेगनेंसी का प्रारम्भिक लक्षण माना जाता है। इसके अलावा आप अपने ब्रेस्ट में दर्द, मॉर्निंग सिकनेस, जी मिचलाना इत्यादि भी महसूस कर सकती हैं। यहाँ हमने कुछ लक्षण दिए हैं जिन्हे देखकर आप पता लगा सकती हैं की आप गर्भवती हैं या नहीं।
वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला को अलग-अलग तरह के लक्षण होते हैं ,किन्तु कुछ लक्षण सभी महिलाओं में समान होते हैं जो प्रेगनेंसी के प्रारम्भिक लक्षणों के रूप में जाने जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार अक्सर मिस्ड पीरियड को प्रेगनेंसी का प्रारम्भिक लक्षण माना जाता है। इसके अलावा आप अपने ब्रेस्ट में दर्द, मॉर्निंग सिकनेस, जी मिचलाना इत्यादि भी महसूस कर सकती हैं। यहाँ हमने कुछ लक्षण दिए हैं जिन्हे देखकर आप पता लगा सकती हैं की आप गर्भवती हैं या नहीं।l
लक्षण कब शुरू होते हैं?
हालांकि यह अजीब लग सकता है, आपकी गर्भावस्था का पहला सप्ताह आपके पिछले मासिक धर्म की तारीख पर आधारित होता है। आपके पिछले मासिक धर्म को गर्भावस्था का पहला सप्ताह माना जाता है, भले ही आप वास्तव में अभी तक गर्भवती न हुई हों। अपेक्षित डिलीवरी तिथि की गणना आपकी अंतिम अवधि के पहले दिन का उपयोग करके की जाती है। इस कारण से, आपको 40-सप्ताह की गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान लक्षण नहीं हो सकते है

प्रेगनेंसी के दौरान शुरूआती लक्षण क्या होते हैं
- पीरियड्स मिस होना
- जी मिचलाना और चक्कर आना
- हल्का रक्तस्त्राव
- थकान महसूस होना
- मॉर्निंग सिकनेस
- ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स के रंग में परिवर्तन
- मूड बदलना
- सिर दर्द और सिर भारी होना
- बार बार टायलेट जाना
- खाने की इच्छा में बदलाव
- पाचन सम्बन्धी समस्याएं – कब्ज की शिकायत
पीरियड्स मिस होना
यदि आप कन्सीव करने की कोशिश कर रही हैं और उस दौरान आपके पीरियड्स मिस हो जाते हैं तो आप प्रेगनेंट हो सकती हैं। डॉक्टर के अनुसार भी आपके पीरियड्स का मिस होना प्रेगनेंसी का प्रारम्भिक लक्षण माना जाता है। किन्तु कभी कभी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी आपके पीरियड्स मिस हो सकते हैं इसलिए आप डॉक्टर से संपर्क कर ले अतः पीरियड्स मिस होने पर प्रारम्भिक प्रेगनेंसी टेस्ट करें या अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
जी मिचलाना और चक्कर आना
कुछ महिलाओं को गर्भधारण के तुरंत बाद जी मिचलाने और चक्कर आने की समस्या महसूस हो होने लगती है जरूरी नहीं की यह समस्या सभी महिलाओं को हो। वैसे तो इस समस्या के होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता लेकिन डॉ अरुणा कालरा के अनुसार यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हार्मोन के घटने बढ़ने के कारण हो सकती है। किंतु जी मिचलाना और चक्कर आना ज्यादातर औरतों को हो जाता हैं।

हल्का रक्तस्राव
जब भ्रूण पहली बार गर्भाशय में जाता है, तो यह रक्त वाहिकाओं को बाधित करता है और रक्तस्राव का कारण बनता है, जिसे “इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग” के नाम से जाना जाता है। इस हल्के रक्तस्राव को अक्सर भूलवश पीरियड्स की शुरुआत मान लिया जाता है, लेकिन आमतौर पर पीरियड्स के खून का रंग थोड़ा अलग होता है। यह फर्टिलाइजेशन के दस से चौदह दिन बाद हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार यह गर्भावस्था के शुरुआती संकेत के रूप में जाना जा सकता है, हालांकि, यह सभी महिलाओं को नहीं होता है।
थकान महसूस होना
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में थकान महसूस होना भी बहुत सामान्य होता है। प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे आप थकान अनुभव कर सकती हैं जिससे आपको अधिक नींद भी आ सकती है।
मॉर्निंग सिकनेस
मॉर्निंग सिकनेस को भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों में से एक माना जाता है जो दिन या रात किसी भी समय हो सकती है, अक्सर आपके गर्भवती होने के एक महीने बाद यह लक्षण दिखाई देना शुरू होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में यह कुछ पहले भी शुरू हो सकता है, क्योंकि प्रत्येक महिला के लक्षण भिन्न भिन्न हो सकते हैं। इस समस्या के दौरान महिलाओं को बार बार उल्टी होना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हार्मोनल परिवर्तन होते है इसके कारण आपके ब्रेस्ट या स्तनों में आप संवेदनशीलता और निप्पल्स में दर्द महसूस कर सकती हैं। कुछ महिलाओं में निप्पल्स में संवेदनशीलता के साथ साथ ब्रेस्ट में दर्द भी अनुभव किया जा सकता है। यह असुविधा कुछ हफ्तों के बाद कम होने लगती है क्योंकि समय के साथ आपका शरीर हार्मोनल परिवर्तनों को अपने में समायोजित कर लेता है।इसके अलावा आपके निप्पल्स का रंग भी भूरे से काले रंग में परिवर्तित होने लगता है।
मूड स्विंग होना
गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में मूड में उतर चढ़ाव आना भी अहम् भूमिका निभाता है। प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला बिना कारण हँसना, रोना और असामान्य रूप से भावनात्मक व्यवहार का अनुभव करती है ऐसा उसके शरीर में हार्मोन के कारण होता है। यह लक्षण अक्सर सभी महिलाओं में उनकी गर्भावस्था के समय काफी आम होता हैं।
सिर दर्द और सिर भरी होना
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में आप सिर दर्द का अनुभव कर सकती हैं जो गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में शरीर में बढ़ते रक्त परिसंचरण बढ़ते हार्मोन के स्तर के कारण हो सकता है। बहुत बार तेज़ सिर दर्द के साथ आप अत्यधिक थकान का भी अनुभव कर सकती हैं। यह लक्षण आमतौर पर हर महिला को होता हैं।
बार बार टायलेट जाना
बार बार टायलेट जाना भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों में जाना जाता है। यदि आप आपनी ओवुलेशन प्रक्रिया के बाद गर्भधारण कर लेती हैं तो आप एक दिन में सामान्य से अधिक बार पेशाब के लिए जा सकती हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आपकी किडनी अधिक मात्रा में तरल पदार्थ निकालने लगती है जो हैं जो पेशाब की सहायता से बाहर निकलता है।
खाने की इच्छा में बदलाव
गर्भधारण के बाद एक खास लक्षण होता है जो अधिकतर सभी महिलायें अनुभव अवश्य करती हैं, वह है आपके स्वाद में परिवर्तन, कभी किसी भोजन को खाने की बहुत इच्छा होना या मनपसंद भोजन से चिड़न होना।
कई बार आपको आपके पसंदीदा खाना भी खाने की इच्छा नहीं करता होगा।
नई गर्भवती महिलाओं में अक्सर भोजन की गड़बड़ी विकसित होती है, प्रेगनेंसी से पहले उनके पसंद किए जाने वाले व्यंजन इस दौरान पसन्द नहीं आते।
इसके अलावा आपको किसी खास भोजन को खाने का मन बार-बार हो सकता है, इसे गर्भावस्था में भोजन की क्रेविंग के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा आपको खाने का मन बिल्कुल भी नहीं होगा कुछ ही व्यंजन ऐसे होंगे जिन्हें आपको बार-बार खाने का मन होता। प्रेगनेंसी के दौरान आमतौर पर महिलाएं खट्टा खाना पसंद करती है।
पाचन सम्बन्धी समस्याएं जैसे ब्लोटिंग, कब्ज की शिकायत
गर्भधारण करने के बाद आपकी पाचन क्रिया थोड़ी कमजोर पड़ सकती है जिस कारण आप कुछ पाचन सम्बन्धी समस्याओं जैसे पेट फूलना, कब्ज, उल्टी आना इत्यादि सामना कर सकती हैं। ये सभी समस्याएँ भी प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणों के रूप में जानी जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान, पाचन क्रिया धीमी होने के कारण भोजन पाचन तंत्र में सामान्य से अधिक लंबे समय तक रहता है जिस कारण कई गर्भवती महिलाओं को अपनी गर्भावस्था में गैस या ब्लोटिंग की समस्या काफी पहले अनुभव होने लगती है। इसके अलावा कब्ज की शिकायत भी काफी आम है।
ऊपर दिए गए सभी लक्षण यदि आप महसूस कर रहे हैं तो आप गर्भवती हो सकती हैं, किन्तु कुछ भी स्पष्ट करने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट अवश्य करायें या तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। हम समझते हैं कि किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी एक खास होती है अतः किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले अपने डॉक्टर को दिखाएँ और अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि करें।
मैं कब गर्भावस्था परीक्षण करवाऊं?
यदि आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो घर पर गर्भावस्था परीक्षण करने का सबसे अच्छा समय पहली बार मासिक धर्म छूटने के 1 सप्ताह बाद है। 2017 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट के अनुसार, सही समय पर सही तरीके से उपयोग किए जाने पर घरेलू गर्भावस्था परीक्षण 97 प्रतिशत सटीक होते हैं। एक रक्त परीक्षण अक्सर गर्भावस्था को बहुत पहले प्रकट कर सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर के कार्यालय में या नैदानिक सेटिंग में किया जाना चाहिए।